फ्रिज का उपयोग करते हैं आप भी, तो अभी छोड़ दें।

          फ्रिज एक ऐसी वस्तु है जिसमें रखी हुई वस्तु को न तो सूर्य का प्रकाश मिलता है और न ही प्राकृतिक हवा। फ्रिज के काम करने के कुछ नियम है कि यह कमरे से नीचे का तापमान उत्पन्न करता है। यह प्राकृतिक तरीके से तो संभव है नहीं क्योंकि हमारे यहां कमरे का तापमान सामान्य रूप से 20 से 30 डिग्री होता है।

          तापमान कम करने के लिए फ्रिज में उन गैसों का प्रयोग किया जाता है जो तापमान काम करने के काम आते हैं। फ्रिज में तापमान कम करने के लिए। ये गैसें बहुत ही हानिकारक होती है। और फ्रिज में ऐसी एक दो नहीं बल्कि अनेक गैसें होती हैं। जो बारह प्रकार के CFC (cbloro fluro carbon) होते हैं।

           इन गैसों में क्लोरीन विष के समान होता है, फ्लोरीन उससे भी विषैला होता है तथा कार्बन कि बात की जाए तो यह ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया करके कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड आदि बनाता है जो हमारे लिए बहुत घातक होता है।

            जब हम खाद्य पदार्थ को फ्रिज में रखेंगे तो इन गैसों का प्रभाव खाद्य पदार्थ पर पड़ेगा ही। अब यही कोई उस खाद्य पदार्थ को ग्रहण करेगा तो वह उसके लिए विष के समान होगा ही।  तब तो उस खाद्य पदार्थ और विष , दोनों को ग्रहण करने के बाद एक ही प्रभाव दिखाएगा। बस फर्क इतना होगा कि विष तुरंत अपना प्रभाव दिखाएगा लेकिन खाद्य पदार्थ धीरे धीरे अपना प्रभाव दिखाएगा। आज इन्हीं सब कारणों से हमारे देश में डॉक्टरों के पास इतनी भीड़ रहती है।

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