वास्कोडिगामा ने भारत खोजा नहीं अपितु लूटा था।
दोस्तों आपलोग इतिहास के किताबों में पढ़ा होगा कि वास्कोडिगामा ने 1498 इश्वी में भारत का खोज किया, लेकिन इतिहास के लेखकों को शायद यह बात पता नहीं है ये भारत करोड़ों वर्ष पुराना देश है। इस देश की सभ्यता और संस्कृति सबसे पुरानी है, इस देश कि भाषा सभी भाषाओं की जननी कहलाती है। इस देश की सभ्यता और संस्कृति अन्य सभी देश के सभ्यताओं और संस्कृतियों की जननी कही जाती है। उस देश को एक पुर्तगाली व्यक्ति वास्कोडिगामा खोजा। ऐसा कभी हो सकता है?
जबकि सच यह है कि यह एक लुटेरे थे जो भारत को लूटने आये थे इन लोगों का काम ही था लोगों को लूटना ।इसकी वजह आप जानकर आश्चर्य में पड़ जाओगे ।
15 वीं शताब्दी में स्पेन और पुर्तगाल दोनों देश आपस में मिलकर समुद्री जहाजों को लूटा करते थे और लूट कर लूट की रकम आपस में बांट लिया करते थे। एक बार दोनों देशों के बीच आपस में इस बात को लेकर झगड़ा हो गया कि लूट का ज्यादा रकम किसे मिले। उस समय वहां पर पोप (ईसाई का धर्मगुरु) की सत्ता थी तो इस झगड़ा को सुलझाने के लिए दोनों देश छठवां पोप (जॉन पाल द्वितीय) के पास पहुंचे । पोप ने पूरी दुनियां को दो हिस्सों में बांट दिया पूर्वी हिस्सा और पश्चिमी हिस्सा। एवं पुर्तगाल को दुनियां का पूर्वी हिस्सा तथा स्पेन को दुनियां का पश्चिमी हिस्सा को लूटने के लिए कह दिया। इसी निर्णय के बाद वास्कोडिगामा भारत पहुंचा क्योंकि भारत दुनियां के पूर्वी हिस्से में पड़ता है और स्पेन का लुटेरा कोलंबस के साथ अमरीका को लूटने के लिए गया। कोलंबस अमरीका में अस्सी हजार रेड इंडियन ( अमरीका के मूल निवासी ) का हत्या किया और धन लूटा। दूसरी ओर वास्कोडिगामा 20 मई 1498 ई० को भारत के कालीकट बंदरगाह पर पहुंचा । उस समय वहां के राजा थे झामोरीन द्वितीय । भारतीय संस्कृति में ‘अतिथि देवो भवः’ की परम्परा है। राजा झमोरिन ने उसका अच्छी तरह से स्वागत किया। वास्कोडिगामा ने धीरे - धीरे वहां पर अपना पैर जमाया और बाद में राजा झमोरिन की हत्या करवा दिया। उसके बाद वह भारत से सोना अपने देश ले जाने लगा। पहली बार वह सात जहाज सोना अपने देश ले गया। दूसरी बार ग्यारह जहाज सोना ले गया। तीसरी बार इक्कीस जहाज सोना अपने देश ले गया। वह चौथी बार भी आता लेकिन वह मर गया। और हमारे कुछ इतिहासकार उस लुटेरे को महान कहते हैं कि इन्होंने ही भारत को खोजा। ऐसा लगता है कि वास्कोडिगामा के भारत आने से पहले भारत नाम कि कोई चीज ही नहीं थी।
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