क्या आप भी पीते हैं जर्सी गाय का दूध? हो जाइए सावधान!
आज के समय में जर्सी गाय को पालकर उससे प्राप्त अधिक दूध को श्वेत क्रांति मानने वाले लोग शायद इस बात से परिचित नहीं हैं कि वे जर्सी गाय का दूध खाकर/पीकर किस तरह सफ़ेद जहर को आसानी से ग्रहण कर रहे हैं।
आप लोग यह नहीं जानते हैं कि अधिक मांस और दूध प्राप्त करने के लिए जर्सी गाय को सुअर के जिन (gene) से बनाया गया है।
जर्सी गाय से प्राप्त दूध में ए-1 बिटा केसिन नामक प्रोटीन पाया जाता है जो पेप्टाइड्स में तो बदलता है लेकिन यह पेप्टाइड्स पुनः अमीनो अम्ल में नहीं बदलता है जिससे यह दूध(जर्सी गाय का दूध) हमारे पेट में नहीं पचता है। नहीं पचने के कारण यह हमारे लिए विष के समान हो जाता है जो अनेक बीमारी उत्पन्न करता है। जैसे- मधुमेह, कैंसर, एलर्जी, दिल के रोग और घुटना दर्द आदि ।
जर्सी गाय के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन उपरोक्त बीमारियों के साथ- साथ लिवर, किडनी, पैनक्रियाज और मस्तिष्क के लिए भी हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करता है।
डेनमार्क में जर्सी गाय के दूध को श्वेत जहर भी कहा जाता है। डेनमार्क में अधिक दूध होने पर सरकार इसे समुद्रों में फिकवा देती है।
इसलिए सभी भारतीयों से निवेदन है कि अपने देशी गाय को बचाएं। यह गाय हमारे लिए माता के समान है। देशी गाय का दूध हर स्तर पर लाभदायक होता है।
Bahut achha bhai
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